
महाराष्ट्र की राजनीति में रातों-रातों बड़ा उलटफेर हो जाने से सिर्फ शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और NCP ही नहीं बल्कि पूरा देश सन्न रह गया। रात तक जहां तीनों दल अगले दिन सरकार बनाने का दावा कर रहे थे वहीं अगले दिन सुबह सबेरे ही देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। वहीं उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली NCP चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) के भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) ने। जी हां वही अजित पवार (Ajit Pawar) जिसे NCP ने अपने विधायक दल का नेता चुना था और जो एक दिन पहले रात में तीनों दलों की बैठक में भी शामिल था।
अजित पवार के समर्थन में होर्डिंग्स
हालांकि अजित पवार (Ajit Pawar) को पार्टी से बगावत करने की सजा भी मिल गई और NCP ने उन्हें पार्टी से बेदखल भी कर दिया। वहीं जिन विधायक के बलबूते अजित ने भाजपा को समर्थन दिया वे भी अजित से कन्नी काटते दिखाई दिए। ऐसे में जहां एक तरफ अजित पवार अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं, वहीं पुणे में उनके कुछ समर्थक उनके समर्थन में होर्डिंग्स लगा रहे हैं। इन होर्डिंग में समर्थकों ने अजित पवार को विकास पुरुष बताया है। होर्डिंग्स में लिखा है, “महाराष्ट्र में विकास का वादा, अजित दादा।”
अजित पवार का विरोध
जहां अजित पवार (Ajit Pawar) ने NCP से बगावत कर भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबन्धन कर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। वहीं अजित पवार पर तीनों दल मिलकर निशाना साध रहे हैं। शिवसेना, कांग्रेस और खुद अजित की पार्टी NCP उनका पुरजोर विरोध कर रही है। ठाणे में तो अजित पवार के खिलाफ शिवसेना (Shiv Sena) और कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की। इतना ही नहीं कई जगह पर गुस्साए कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के पोस्टरों को फाड़ दिया और उस पर कालिख भी पोती।
बीजेपी को साबित करना होगा बहुमत
अजित पवार (Ajit Pawar) ने भले ही अपनी पार्टी से बगावत कर भाजपा का समर्थन किया हो और देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व में सरकार बना ली हो लेकिन भाजपा की अब अग्निपरीक्षा है। 30 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी को सदन में बहुमत साबित करना होगा। अगर भाजपा बहुमत साबित करने में सफल हो जाती है तो शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और NCP के अरमानों पर पूरी तरह से पानी फिर जाएगा। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो तीनों दल मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस दावा कर रहे हैं कि राज्य में भाजपा एक स्थिर सरकार देगी।
रातों-रात पलट गई बाजी
शनिवार सुबह महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया और तीनों दलों शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और NCP के पैरों तले जमीन खिसक गई जब सुबह 8 देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मुख्यमंत्री और अजित पवार (Ajit Pawar) ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। किसी को कुछ समझ ही नहीं आया कि आखिर ये सब कब और कैसे हो गया? हालांकि इस घटनाक्रम के बाद NCP शिवसेना और कांग्रेस के निशाने पर आ गई। दोनों पार्टियों को लगा कि NCP चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने उनके साथ विश्वासघात किया है। क्योंकि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद पवार की तारीफ की थी और उनसे मुलाकात भी। इसके बाद शरद पवार ट्वीट कर अपनी सफाई देनी पड़ी।
शरद पवार ने दी सफाई
अजित पवार यांच्या राजकीय निर्णयाला राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षाचा पाठिंबा नाही.
हा त्यांचा वैयक्तिक निर्णय आहे.— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
शरद पवार (Sharad Pawar) ने ट्वीट कर लिखा कि “एनसीपी अजीत पवार के राजनीतिक निर्णय का समर्थन नहीं करता है। यह उनका निजी फैसला है।“ इसके बाद शरद पवार ने दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा, “ महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजीत पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का। हम उसके इस फैसले का समर्थन नहीं करते न ही इसे स्वीकार करते हैं।“
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
इसके बाद तीनों दलों ने एक साथ प्रेस कांफ्रेंस भी की। अब देखने वाली बात यह है कि क्या भाजपा आगामी 30 नवंबर को होने वाले फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर पाती है या नहीं? ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा लेकिन अभी तो भाजपा ने तीनों पार्टियों को जोर का झटका तो दे ही डाला है।
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